अगर आप एक ब्लॉगर है या फिर टेक्नोलॉजी में थोड़ी सी भी रुचि रखते हैं तो यह इन्फॉर्मेशन आपके लिए बहुत ही ज्यादा खास हो सकती है क्योंकि आज हम इस आर्टिकल में Web 3.0 क्या है?
Web 3.0 कैसे काम करेगा और इसके क्या फीचर्स हैं इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। मैं विश्वास के साथ कहता हूँ आपको यह जानकारी बहुत ही ज्यादा पसंद आयेगी तो हमारे ब्लॉग info tech hindi के साथ जुड़े रहें।
Web 1.0 और Web 2.0 क्या है?
दोस्तों अगर हम बात करें कि Web 3.0 kya hai? तो इसको समझने से पहले हमें हमे समझना होगा कि Web 1.0 और Web 2.0 क्या है? क्योंकि अगर हम सीधे web 3.0 को समझने लगेंगे तो आपको बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन हो सकता है ।
इसलिए हम पहले Web 1.0 और Web 2.0 को समझते हैं। Web 1.0 वह वेबसाइट होती है जिनपर यूज़र्स जाकर सिर्फ डेटा को पढ़ सकता है या देख सकता है परन्तु उस डेटा में कोई बदलाव नहीं कर सकता है और न ही उस डेटा के ऊपर टिप्पणी कर सकता है।
ऐसी वेबसाइट पर सिर्फ वेबसाइट का admin ही कंटेंट शेयर कर सकता है और अपडेट कर सकता है। इस तरह की वेबसाइट को web 1.0 कहा जाता है। जिसका जीत जागता उदाहरण गवर्मेन्ट वेबसाइट हैं जिसपर हम डेटा को सिर्फ देख सकते हैं लेकिन उसपर कमेंट नहीं कर सकते हैं।
Web 2.0 की सुरुआत 1999 से हो गयी थी। Web 2.0 के अंर्तगत बनी वेबसाइट पर 2 way Comunication होता है अर्थात admin के द्वारा शेयर किये गए कंटेंट पर यूजर टिप्पणी भी कर सकते हैं, उस कंटेंट को यूज़र एडिट भी कर सकते हैं और उस वेबसाइट पर अपना एकाउंट बनाकर कोई भी कंटेंट शेयर कर सकता है। इसमें ब्लॉग्स, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, विकिपीडिया, वेब एप्पलीकेशन web 2.0 के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
Web 3.0 क्या है?
दोस्तों अगर हम बात करे कि Web 3.0 क्या है? तो इसकी पहचान का निर्धारण वेबसाइट के नॉर्मल फीचर्स के हिसाब से तय नही किया जायेगा। जिस तरह से web 1.0 और web 2.0 का निर्धारण किया गया था।
Web 3.0 का सबसे बड़ा एलिमेंट या कहे फीचर decentralization होगा। मतलब की एक स्वतंत्र वेबसाइट जिसका कंट्रोल एक हाथ में नही होगा। इसको हम बहुत ही सरलता से समझते हैं।
जब भी आप web 2.0 में आपको वेबसाइट बनाते हैं तो उसके लिए आपको सबसे पहले एक Domain name रजिस्टर करना पड़ता है और प्रत्येक वर्ष उस Domain name को renew करना पड़ता है परन्तु web 3.0 में आपको सिर्फ एक बार Domain name रजिस्टर करना है और वह लाइफ टाइम के लिए बैध हो जाता है उसे आपको कभी renew नही करवाना पड़ेगा।
अब बात करते हैं वेबसाइट सर्वर की जहा पर आप वेबसाइट को होस्ट करते है। जब आप web 2.0 पर कोई वेबसाइट बनाते हैं तो आपको उस वेबसाइट को होस्ट करने के लिए होस्टिंग सर्वर की जरूरत होती है जो कि काफी अधिक पैसों में मिलती है परन्तु यदि आप web 3.0 में अपनी वेबसाइट बनाते हैं तो आपको होस्टिंग सर्वर लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
क्योंकि web 3.0 Server less hosting पर काम करता है और सभी वेबसाइट Blockchain technology के द्वारा होस्ट होती हैं। मतलब सभी कंप्यूटर्स पर थोड़ा थोड़ा डेटा अलग अलग लोकेशन पर होता है। जिससे किसी भी वेबसाइट को हथियाकर डेटा को चेंज करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा क्योंकि एक साथ इतने सारे सर्वर को Controle नहीं किया जा सकता है इसलिए web 3.0 बहुत ही ज्यादा सुरक्षित है।
Web 3.0 कैसे काम करेगा?
दोस्तों अगर हम बात करे Web 3.0 कैसे काम करता है यह किस तरह से वेब 2.0 से अलग है। यह Web 3.0 decentralized system पर कार्य करेगा जिसको blockchain technology पावर देगा।
इसका मतलब यह है कि Web 3.0 blockchain technology पर आधारित होगा। जिस प्रकार blockchain technology के द्वारा Cryptocurrecy को स्टोर किया जाता है ठीक उसी प्रकार Web 3.0 में किसी भी वेबसाइट के डेटा को ब्लोकचेन में use होने वाले सभी कंप्यूटर्स में थोड़ा थोड़ा करके रखा जाएगा।
जिसके कारण इस डेटा का कंट्रोल किसी के पास नही होगा और यह काफी फ़ास्ट होगा। Web 3.0 AI (Artificial intelligence) के आधार पर कार्य करेगा। बैज्ञानिकों का मानना है Web 3.0 Artificial intelligence की मदद से web interaction काफी सहज हो जाएगा और लोगो के online जीवन को बहुत सहज बना देगा।
सरल भाषा में समझते हैं कि Web 3.0 कैसे काम करेगा। मान लीजिए अगर आप Web 2.0 पर कोई keyword सर्च करते हैं तो सर्च इंजन आपको keyword के सबसे पॉपुलर खोज दिखाता है, उस खोज में वह जानकारी भी होती है जिसे आप खोज ही नही रहे थे।
Web 3.0 Artificial intelligence की मदद से आपको सिर्फ वही जानकारी दिखायेगा जिसे आप खोज रहे हैं यह सिस्टम Based होगा entity पर मतलब ऐसी चीजों पर जो कि रियल में हैं ना कि keyword पर और यह सिस्टम हर चीज को निजीकृत रखता है।
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Web 3.0 Features
1. Decentralization -: Web 3.0 पूरी तरह से Decentralized होगा अर्थात कोई भी hosting सर्वर website आपकी वेबसाइट को कंट्रोल नही कर पायेगा और उस वेबसाइट को आप अपने हिसाब से चला सकेंगे।
2. Blockchain technology -: यह सिस्टम ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करेंगा जिससे वेबसाइट का डेटा बहुत सारे (block) Computer पर स्टोर होगा तो आपकी वेबसाइट को हथियाना लगभग नामुनकिन हो जाएगा। यदि हो जाती है तो सिर्फ उसी ब्लॉक के सर्वर डाउन होंगे पूरी वेबसाइट के नहीं।
3. One time domain registration -: इस सिस्टम में आप TLD डोमेन भी रजिस्टर कर पाएंगे। Web 3.0 में आप NFT डोमेन रजिस्टर कर पाएंगे, NFT डोमेन वह डोमेन होते हैं जिनको हर वर्ष Renew नहीं करना पड़ेगा। जिसको आप किसी वेबसाइट का address या कोई wallet Address भी बना सकते हैं।
4. Server less hosting -: Web 3.0 block chain टेक्नोलॉजी पर काम करेगा तो वेबसाइट का पूरा डेटा ब्लोकचेन सर्वर पर रहेगा अर्थात आपको किसी भी होस्टिंग कंपनी से होस्टिंग नहीं खरीदनी पड़ेगी तो हो गया ना यह सर्वर लेस होस्टिंग सिस्टम।
5. Secure system -: दोस्तों जैसा कि आपको पता है Web 3.0 Blockchain technology पर कार्य करता है तो वेबसाइट का डेटा किसी एक सर्वर पर स्टोर ना होकर बहुत सारे सर्वर पर स्टोर रहेगा जिसके कारण वेबसाइट को हथियाया नही जा सकेगा क्योंकि Blockchain technology एक बहुत ही ज्यादा सुरक्षित सिस्टम है।
Web 3.0 कब आएगा
web 3.0 कब आएगा इसके सन्दर्भ में हम यह भी कह सकते हैं कि Web 3.0 आने वाला है या फिर आ चुका है क्योंकि वेब 3.0 के अंतर्गत आप ऐसे TLD डोमेन खरीद सकते हैं जो कि किसी भी डोमेन प्रोवाइडर के पास नही होते हैं जिनका रिकॉर्ड सिर्फ blockchain Technology में होता है।
TLD डोमेन को आप अपने किसी भी ब्लॉग, वेबसाइट या फिर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के प्रोफाइल या वेब Address की तरह उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप TLD डोमेन को अपने बिटकॉइन वॉलेट का Address भी बना सकते हैं।
Web 3.0 internet की दुनिया में क्या बदलाव करेगा
दोस्तों जैसा कि मैंने अभी तक आपको बताया है कि web 1.0 में यूज़र्स को सिर्फ डेटा देखने और पढ़ने का ऑप्शन दिया जाता था जिसमे वेब का पूरा कंट्रोल वेबसाइट के एडमिन के पास होता था।
इसके बाद web 2.0 आया और उसने वेबसाइट या कहे कि वेब पेज को 2 way comunicaciones या कहे कि एक ऐसा इंटरेक्शन प्लेटफार्म जो की एडमिन के साथ यूज़र्स को भी डेटा को देखने, पढ़ने और उस डेटा को बदलने का ऑप्शन दिया गया।
अब बारी है वेब 3.0 की एक पूर्णतः स्वतंत्र या कहे कि decentralized system पर आधारित होगा। इसमे एडमिन अपना डेटा जिस भी प्लेटफार्म पर जाकर शेयर करना चाहते है कर सकते है और वह डेटा किसी एक सर्वर पर स्टोर नही होगा जिससे कि सर्वर कंपनी आपके डेटा का इस्तेमाल नही कर सकती है और डेटा के लीक होने जैसी समस्याओं का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
यूजर के लिए इसमे सबसे अच्छी बात यह होगी कि इसमे यूज़र्स के इंटरेस्ट के हिसाब से सिर्फ वही देता यूज़र्स को दिखाया जाएगा जो कि यूज़र्स सच मे देखना चाहते हैं। web 3.0 के आने से फ़ेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का भी एकाधिकार खत्म हो जाएगा।
Conclusion
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने जाना web 3.0 क्या है? Web 3.0 कैसे काम करता है? और web 3.0 के क्या फीचर्स हैं। दोस्तों मैं आशा करता हूँ आपको यह जानकारी अच्छे से समझ में आ गई होगी।
यह एक upcoming टेक्नोलॉजी है जो कि अभी आयी नहीं है बहुत ही जल्दी आने वाली है या कहे कि आती जा रही है। इसको हम future of internet भी कह सकते हैं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा और हेल्पफुल लगा हो तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और नोटिफिकेशन वेल को सब्सक्राइब करे।
Web 3.0 FAQ
web 3.0 क्या है?
Web 3.0 का सबसे बड़ा एलिमेंट या कहे फीचर decentralization होगा। मतलब की एक स्वतंत्र वेबसाइट जिसका कंट्रोल एक हाथ में नही होगा। Web 3.0 पूरी तरह से Decentralized होगा अर्थात कोई भी hosting सर्वर website आपकी वेबसाइट को कंट्रोल नही कर पायेगा।
web 3.0 कैसे काम करेगा?
यह Web 3.0 decentralized system पर कार्य करेगा जिसको blockchain technology पावर देगा। यह सिस्टम ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करेंगा जिससे वेबसाइट का डेटा बहुत सारे (block) Computer पर स्टोर होगा।
web 3.0 का भविष्य क्या होगा?
web 3.0 इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइट का भविष्य पूरी तरह से बदल कर रख देगा क्योंकि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित वेबसाइट होगी जो कि अभी के मुकाबले बहुत ही ज्यादा एडवांस होंगी।