दोस्तों हमारे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है आज मैं आपको इस आर्टिकल में बताने वाला हूँ कि time sharing operating system क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसका उपयोग करने के क्या फायदे हैं और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं, time sharing operating system से जुड़े कुछ उदाहरण भी जानेगे तो इससे संबंधित सभी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
Time sharing operating system (टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?)
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सिस्टम (system) है जिसमें बहुत सारे यूज़र्स बारी बारी से Computer के कई सारे संसाधनों को आपस मे साझा करते हैं।
अगर साधरण भाषा में कहे तो यूजर एक निश्चित समय के लिए किसी एक कंप्यूटर के संसाधनों जैसे कि मेमोरी, CPU का उपयोग इस टेक्नोलॉजी की मदद से करते हैं।
यह operating system मल्टीप्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक और रूप है। time sharing operating system द्वारा यूज़र्स को दिया जाने वाला टाइम एलोकेट टाइम कहलाता है।
इस प्रोसेस में ऑपरेटिंग सिस्टम एक निश्चित समय के बाद संशाधनों को एक यूजर से दूसरे यूजर को दे दिया जाता है और यह प्रोसेस इतने कम समय मे पूरी होती है कि किसी भी यूजर को संसाधनों के शेयर होने का पता नहीं चलता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है?
दोस्तों इस पोस्ट में अब हम जानने वाले हैं कि time sharing operating system कैसे काम करता है जैसा कि हमने आपको बताया है कि इस time sharing operating system में एक निश्चित समय के लिये बारी बारी से यूजर्स एक्टिव होते हैं।
इस प्रक्रिया में जब एक यूजर के पास कंट्रोल जाता है तब वह यूजर एक्टिव हो जाता है और सभी यूजर डिएक्टिवेट हो जाते हैं और जब यह कंट्रोल दूसरे यूजर के पास जाता है तो दूसरा यूजर एक्टिंव हो जाता है।
इस समय बाकी सभी यूजर डिएक्टिवेट हो जाते हैं। यह प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है की किसी भी यूजर को यह कभी भी पता नहीं चलता है कि उसको अपने संसाधनों को किसी अन्य यूजर के साथ साझा करना पड़ रहा है, इस प्रक्रिया में मल्टीप्रोग्रामिग का उपयोग किया जाता है जिससे इस सिस्टम को सही तरीके से चलाया जा सके।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं
- इस सिस्टम में User एक Time में सिर्फ एक ही Computer का उपयोग कर सकता है।
- इस सिस्टम में यूजर्स को सिर्फ इतना समय मिलता है जितना टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में सभी यूजर्स को दिया जाता है।
- यह कार्यों को बहुत तेजी से करने में सक्षम होता है।
- इस सिस्टम के उपयोग करने में रिस्पांस टाइम बहुत कम होता है।
- इस सिस्टम के अंतर्गत कंप्यूटर और यूजर्स के बीच एक अच्छा इंटरेक्शन होता है।
- इस सिस्टम का उपयोग करना बहुत आसान होता है।
Time sharing operating system example
Unix :- इसको Bell System कंपनी के द्वारा 1971 में बनाया गया था।
OpenVMS :- Digital Equipment Corporation के द्वारा OpenVMS को 1977 में बनाया गया था।
Multics :- Multics को MIT विद्यालय के कुछ स्टूडेंट्स के द्वारा सन 1969 में बनाया गया था।
Michigan Terminal System :- इसको सन 1967 में University of Michigan के कुछ विद्यार्थियों द्वारा निर्मित किया गया था।
Honeywell CP-6 :- इसको 21976 में Honeywell नामक किसी कंपनी ने बनाया था।
What is operating system? ( ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? )
operating system एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच में इंटरफ़ेस का काम करता है या फिर आप इसको कंप्यूटर और यूजर को आपस मे जोड़ने का एक माध्यम भी कह सकते हैं।
operating system को बहुत सारे लोग OS भी बोलते हैं, इसको system software भी कहा जाता है। आसान भाषा मे कहे तो एक operating system किसी भी गाड़ी के इंजन के समान है जिस तरह गाड़ी को इंजन के बिना नहीं चलाया जा सकता है।
ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर को operating system के बिना नहीं चलाया जा सकता है।अर्थात operating system एक ऐसा सिस्टम है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर चलाते हैं और कंप्यूटर के सभी प्रोग्राम को एक्सेस कर सकते हैं।
Type of operating system
1. Batch ऑपरेटिंग सिस्टम
2. Distributed ऑपरेटिंग सिस्टम
3. Time-Sharing ऑपरेटिंग सिस्टम
4. Real Time ऑपरेटिंग सिस्टम
5. Embedded ऑपरेटिंग सिस्टम
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे
1. time sharing operating system के कारण बहुत सारे यूजर्स एक निश्चित समय पर कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम होते हैं।
2. इसकी मदद से यूजर महंगे सॉफ्टवेयर भी यूज़ कर सकते है जिनको वह यूजर अकेले अफोर्ड नहीं कर सकता है।
3. इसको मदद से कोई भी ऑर्गनाइजेशन या संगठन कोई भी इन्फॉर्मेशन अपने कर्मचारियों तक आसानी से पहुँचा सकता है।
4. यह सिस्टम सभी यूज़र्स को बारी बारी से कंप्यूटर के संसाधनों का उपयोग करने की सुविधा देता है जिसके कारण यूज़र्स को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
Time sharing operating system के नुकसान
1. time sharing operating system का पहला नुकसान यह है कि यह सिस्टम यूज़र्स को निश्चित time के हिसाब से यूजर को कंप्यूटर के संसाधनों का यूज़ करने की सुविधा प्रदान करता है जबकि संसाधनों का यूज़ उनके work के हिसाब से होना चाहिये।
2. इस सिस्टम में बहुत सारे यूज़र्स एक ही Computer के संसाधनों का use करते हैं तो इससे उनकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन पर खतरा आ सकता है क्योंकि सभी यूजर एक ही hard disk का यूज़ कर रहे होते हैं।
3. इस ऑपरेटिंग सिस्टम को उपयोग करने का तीसरा नुकसान यह है कि यह सिस्टम नेटवर्क से ऐक्सेस किया जाता है, यदि आपका इंटरनेट कनेक्शन काम नही कर रहा है तो आप time sharing operating system का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
FAQ
कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम कौन कौन से होते हैं?
ऑपरेटिंगसिस्टम के बिना कंप्यूटर को चलाना सम्भव नहीं है यह कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है अभी कंप्यूटर में तीन प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग किये जाते हैं-
1. Microsoft Operating System
2. Linux Operating System
3. Mac Operating System
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा है?
लिनक्स.
पहला ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा था?
Computer का पहला ऑपरेटिंग सिस्टम Linux है जो कि 1960 के दशक में की गई थी, 1980 आते आते Linux ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे शाक्तिशाली और लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया था।
टाइम शेयरिंग सिस्टम से आप क्या समझते हैं?
एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमें यूज़र एक समय में एक से अधिक टास्क को पूरा कर सकते हैं इस ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रत्येक टास्क के लिए बराबर टाइम दिया जाता है इसलिए इस ऑपरेटिंग सिस्टम को टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उद्देश्य क्या है?
यह ऑपरेटिंग सिस्टम एक समान में कई सारे यूजर्स को एक साथ कंप्यूटर शेयर करने की अनुमति देता है तथा इसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक प्रत्येक यूजर के लिए एक निश्चित समय में सिस्टम को एलोकेट करना होता है।
सॉफ्टवेयर के कितने प्रकार होते हैं?
अगर हम सॉफ्टवेयर की बात करे तो ये साधारणतः सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं-
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर
2. एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर
मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम कौन कौन से हैं?
मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम वह सिस्टम होते है जिनपर आप एक समय पर अनेक प्रोग्राम चला सकते हैं, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज , लिनक्स , मैक ये सभी मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं।
Conclusion
दोस्तों इस आर्टिकल में अपने जाना कि time sharing operating system क्या होता है, यह ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है, इसके उपयोग करने से क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हो सकते हैं।
इस ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण के बारे में जाना। इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार के बारे में संक्षिप्त रूप में जानकारी दी गई है।
दोस्तों मैं आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको हेल्पफुल लगी होगी और इससे आपको आज बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।
अगर आपको इस पोस्ट से सम्बंधित कोई डाउट है तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
ये भी पढ़े –
- Parts of computer in Hindi
- CPU Scheduling in Hindi
- ऑपरेटिंग सिस्टम में थ्रेसिंग क्या है?
- Chat GPT क्या है? यह कैसे कार्य करता है?
- Process Scheduling In Hindi
- Computer Network क्या है?
- Network Topology In Hindi
- Hard disk in hindi | Hard Disk क्या है?
- Telnet protocol in Hindi | Telnet क्या है?
- नेटवर्क डिवाइस क्या है? इसके प्रकार
- Computer Application क्या हैं?
- Deadlock in Hindi
- Thrashing in operating system in Hindi
- Session Initiation Protocol In Hindi | SIP क्या है?
- Wireless Application Protocol in Hindi
- What is Registers in hindi
- Real Time Operating System in Hindi
- Functions of Operating System in Hindi
- Access Point in Hindi | एक्सेस पॉइंट क्या है?
- IC क्या हैं?
- Computer Organization in Hindi | कंप्यूटर की संरचना
- CPU Scheduling in Hindi | सीपीयू शेडयूलिंग क्या है?
- Internet Protocol In Hindi
Very informative post.. thanks for sharing..