First generation of Computer in Hindi | कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी

आज के समय में हमारे जीवन में कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ चुका है और मानव जीवन के विकास में कंप्यूटर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर का विकास किस तरह से हुआ है आपको बता दें कि कंप्यूटर का विकास धीरे-धीरे कई पीढ़ियों की खोज के बाद हुआ है।

अभी तक के समय में कंप्यूटर की कुल 5 पीढ़ियों की खोज हो चुकी है और कंप्यूटर की छठवी पीढ़ी की खोज की जा रही है आज के इस आर्टिकल में हम First generation of Computer in Hindi (कंप्यूटर की पहली पीढ़ी) के बारे में पढ़ने वाले हैं। कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी तो आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

First generation of Computer ( कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी )

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का समय सन 1937-1953 तक माना जाता है इस सन में दो बड़े और महान बैज्ञानिक जॉन विलियम मौचली और जे प्रेसपर एकर्ट के द्वारा दुनिया का प्रथम और सबसे बडा कंप्यूटर का अविष्कार किया गया था जो की एक Fully Electronic Digital Computer था इसका नाम ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) था। यही से कंप्यूटर की पीढ़ियों की सुरुआत हुई थी।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिकतर विद्युत तंत्रों पर आधारित थे और वे बहुत बड़े थे जो एक विशेष कमरे में रखे जाते थे। इन कंप्यूटरों का वजन लाखों पाउंड था और उनमें बहुत कम स्टोरेज क्षमता होती थी।

First generation of Computer in Hindi

ENIAC का भार लगभग 30 तन था, ENIAC की लम्बाई लगभग 30 से 50 फिट की थी, इसमें 70000 रजिस्टर, 18000 वैक्यूम ट्यूब और 150000 वाट light की जरूरत थी।

इन कंप्यूटरों में डायोड और ट्रांजिस्टर का उपयोग नहीं हुआ था बल्कि उनमें वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था। इन कंप्यूटरों का उपयोग सामान्यतया संशोधन, गणना और संचालन के लिए किया जाता था। इन कंप्यूटरों की गति अत्यंत धीमी थी जो कि प्रति सेकंड की होती थी।

पहली पीढ़ी कंप्यूटर का विकास दूसरे विश्व युद्ध के समय शुरू हुआ था। इन कंप्यूटरों का उपयोग प्रमुखतः विज्ञान, इंजीनियरिंग और सैन्य क्षेत्र में था। इन कंप्यूटरों को प्रोग्राम करने के लिए पंच-कार्ड टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष की समस्याओं को हल करने में, मौसम का अनुमान लगाने में और भी अन्य कार्यो के लिये किया जाता रहा था परन्तु ENIAC की स्पीड कम होने के कारण जल्दी ही इसका उपयोग समाप्त कर दिया गया था।

इस तकनीक में पंच कार्डों के स्टैक को उपयोग करके प्रोग्राम को कंप्यूटर में लोड किया जाता था। इन कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग शक्ति बहुत कम थी और इनके मेमोरी कैपेसिटी भी कम होती है।

इस पीड़ी के कंप्यूटर में मेमोरी क्षमता के लिए Vacuum Tube का उपयोग किया जाता था। जिसके फलस्वरूप इनमे मेमोरी बहुत कम होती थी, अधिक गर्मी उत्पन्न करते थे इसे मैनेज करने के लिए AC का प्रयोग किया जाता था, प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक महंगे भी होते थे।

Name of First generation Computer in Hindi- ( प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम)

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम निम्नलिखित दिए गए हैं-

  • ENIAC
  • EDVAC
  • EDSAC
  • UNIVAC
  • MARK-1

ENIAC

ENIAC या Electronic Numerical Integrator and Computer, एक पहली पीढ़ी का डिजिटल कंप्यूटर था जो 1945 में बनाया गया था। यह पहला कंप्यूटर था जो प्रोग्राम करने में सक्षम था, जो इसके लिए यूनिवर्सल कंप्यूटर भी कहा जाता है। ENIAC का वजन 27 टन था और यह 1800 स्विचबोर्ड और 18,000 वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग करता था। ENIAC में आठ स्थायी रजिस्टर, 20 दुगने समीकरणक उपकरण, तीन अलग-अलग भागों में विभाजित हुआ था।

EDVAC

EDVAC एक प्रसिद्ध कम्प्यूटर था जो 1950 के दशक में विकसित किया गया था। इसे “Electronic Discrete Variable Automatic Computer” के नाम से भी जाना जाता है। EDVAC का उद्देश्य एक ऑल डिजिटल कंप्यूटर बनाना था, जो उन तकनीकी समस्याओं का समाधान कर सकता था जो ENIAC में थीं। EDVAC एक व्यापक प्रोग्राम के समर्थन के साथ, आवेदन क्षमता के अनुकूल था और इसने संगणक विज्ञान की दुनिया में नई तकनीकी उपलब्धियों की शुरुआत की।

EDSAC

EDSAC एक प्रसिद्ध कम्प्यूटर है जो 1949 में विकसित किया गया था। EDSAC का पूरा नाम “Electronic Delay Storage Automatic Calculator” है। इसमें डेटा को मेमोरी में देरी से संग्रहीत किया जाता था और एक पंचांगुलीय संरचना का उपयोग कर डेटा प्रसंस्करण किया जाता था। EDSAC ने वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग समस्याओं के लिए सफलतापूर्वक उपयोग हुआ था। इसके साथ-साथ इसने आधुनिक कम्प्यूटर के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

UNIVAC

UNIVAC (Universal Automatic Computer) एक प्रसिद्ध कंप्यूटर है जो 1951 में Remington Rand द्वारा विकसित किया गया था। UNIVAC दुनिया का पहला वाणिज्यिक कम्प्यूटर था जो जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के लिए टैक्स संग्रहण करने के लिए उपयोग किया गया था। UNIVAC एक डिजाइन और प्रोग्राम दोनों में अनुकूल था जो इसे बेहतरीन कम्प्यूटर बनाता था। UNIVAC के विकास में बहुत से वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग ने भाग लिया और इसने आधुनिक कम्प्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

MARK-1

MARK-1 एक आविष्कार था, जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लोगों, एच.ए एक्स ब्रदर, कुर्ट गोडेल, एम.एस. एल. मशीन और एस.डब्लू. फर्नस्वर्थ के नेतृत्व में विकसित किया गया था। यह दुनिया का पहला एलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था जो प्रोग्रामेबल था। MARK-1 में बड़े पैमाने पर गणना की जाती थी और यह अत्यधिक लोगों के लिए डिजाइन किया गया था। MARK-1 के विकास में वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग समुदाय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने First generation of Computer in Hindi (कंप्यूटर की पहली पीढ़ी) के बारे आपको जानकारी दी है हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल में कंप्यूटर की पीढ़ियों के बारे मे दी गई यह जानकारी पसन्द आयी होगी। यदि आपको यह जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

FAQs

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का नाम क्या है?

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी को ‘व्यूनेट बेकन’ (UNIVAC) नाम से जाना जाता है। UNIVAC को 1951 में Remington Rand ने विकसित किया था और यह दुनिया का पहला वाणिज्यिक कम्प्यूटर था जो जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के लिए टैक्स संग्रहण करने के लिए उपयोग किया गया था।

कंप्यूटर की जनरेशन कितनी है?

कंप्यूटर की अभी तक पांच पीडिया विकसित हो चुकी है जो की 1942 ईस्वी से अब तक चली आ रही है।

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मैं एक हिंदी ब्लॉगर हूँ, मेरा नाम हरपाल प्रजापति है और यहाँ पर हम इंटरनेट, कंप्यूटर, टेक्नोलॉजी और गेमिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और अपडेट्स आप के साथ साझा करते हैं।

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