आज के समय का एक ऐसा टर्म्स जो हर दिन चर्चा में रहता है Blockchain Technology क्या है? जी हा दोस्तों आज के समय मे टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में हर कोई ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की बात कर रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि ब्लॉकचैन आने वाले समय मे इंटरनेट का भविष्य भी हो सकता है ब्लॉकचैन का जिक्र सबसे अधिक क्रिप्टो करेंसी में हुए उछाल के बाद आम हो गया है।
आज के समय मे हर कोई ब्लॉकचैन, क्रिप्टोकरेंसी, के बारे में जानना चाहता है, दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी क्या है? ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? इसकी खोज कब और किसने की है, इसके अलावा ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी से होने वाले लाभ और नुकसान के बारे में भी चर्चा करने वाले हैं तो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
Blockchain Technology क्या है?
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी एक digital ledger है जिसमे क्रेडिट ट्रांजेक्शन और डेबिट ट्रांजेक्शन का डेटा रखा जाता है, ब्लॉकचैन कई सारे डिजिटल ब्लॉक से मिलकर बना होता है जिसके प्रत्येक ब्लॉक में थोड़ा थोड़ा डेटा सुरक्षित रखा होता है। यह ब्लॉकचैन digitized aur decentralized system पर कार्य करता है। इसमे ट्रांजेक्शन करने के लिए सभी ब्लॉक को एक श्रृंखला के रूप में जोड़ा जाता है।
इस टेक्नोलॉजी में पूरा डेटा ब्लॉक्स में इकट्ठा किया जाता है और जब भी डेटा से पूरा ब्लॉक भर जाता है तो डेटा दूसरे ब्लॉक में इकट्ठा होने लगता है और दूसरा ब्लॉक पूरा भर जाने पर उसको पहले ब्लॉक में जोड़ दिया जाता है और डेटा तीसरे ब्लॉक में स्टोर होने लगता है, यह प्रोसेस लगातार चलती रहती है और यह कई सारे ब्लॉक मिलकर एक चेन बनाते हैं, इसलिए इसको “ब्लॉकचैन” कहा जाता है।
आसान भाषा में कहे तो ब्लॉकचैन एक तरह का डाटाबेस है, क्या आपको पता है डाटाबेस क्या होता है? डाटाबेस इन्फॉर्मेशन का कलेक्शन होता है जो कंप्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहता है। इस डाटाबेस में डेटा और इन्फॉर्मेशन एक टेबल फॉर्म में सेट होता है ताकि किसी स्पेसिफिक इन्फॉर्मेशन की सर्चिंग और फ़िल्टरिंग आसानी से की जा सके।
Blockchain Technology कैसे काम करती है ?
दोस्तों यदि हम बात करे कि blockchain technology कैसे काम करती है तो जैसा कि हम आपको बता चुके है कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में यूज़र्स के डेटा को कई सारे ब्लॉक में रखा जाता है और डेटा को सभी ब्लॉक्स में distribute कर दिया जाता है।
जब भी कोई यूजर ट्रांजेक्शन करता है और मान लेते हैं कि वह बिटकॉइन सेल कर रहा है तो उस यूजर का डेटा एक ब्लॉक में स्टोर हो जाता है और जिस यूजर ने बिटकॉइन buy किया उसका डेटा भी किसी ब्लॉक में स्टोर हो जाएगा और इन ब्लॉक्स को कई सारे कंप्यूटर के द्वारा ऑपरेट किया जाता है।
जब भी कोई buy या sale करने की requeste सिस्टम में कई जाती है तो जल्द से जल्द उस रिक्वेस्ट को validate किया जाता है और प्रत्येक ब्लॉक में उस ट्रांजेक्शन को वेरीफाई किया जाता है। जब सभी ब्लॉक्स में डेटा मैच हो जाता है तो ट्रांजेक्शन को दूसरे अककॉउंटेंट के साथ successful कर दिया जाता है।
यदि इस ट्रांजेक्शन के दौरान किसी भी ब्लॉक में आपका डेटा मिसमैच हो जाता है तो ट्रांजेक्शन failed हो जाएगा। इस प्रक्रिया में आपका पूरा डेटा हैश (hash) के फार्म में एनकोडेड रहता है जिससे यदि आप डेटा में कुछ बदलाव करने की कोशिश करेंगे तो उस ब्लॉक का हैश (hash) भी बदल जायेगा। हैश (hash) एक तरह की unique id होती है जो कि डेटा को code के रूप में सुरक्षित रखता है।
Blockchain Technology की खोज
दोस्तों Blockchain Technology की खोज सातोशी नाकामोतो के द्वारा 2008 में कई गई थी जो कि बिटकॉइन को मैनेज करने के लिए एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म खोज रहे थे। जिसपर वह पब्लिक transactions, लेजर के हिसाब से कर सके। Blockchain Technology की खोज की खोज करने का उनका मुख्य उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक decentralized system लाना था जिसपर यूजर टू यूजर ट्रांजेक्शन हो और कोई भी third party या फिर कोई भी गवर्मेन्ट का उसपर कोई कंट्रोल या अधिकार न हो।
Blockchain Technology के उदाहरण
1. दोस्तों Blockchain Technology के उदाहरण को सामान्य भाषा में समझते हैं, मान लीजिये यदि आप कोई जमीन खरीदना चाहते है और उसके असली मालिक के बारे में जानते है और हो सकता है उसने किसी और से वह खरीदी हो और आप उसके बारे में भी जानना चाहते हो तो यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी से सम्भव हो पायेगा, क्योंकि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में किसी भी चीज का डेटा पहले मालिक से लेकर लास्ट तक का पूरा डेटा ब्लॉक्स में स्टोर रहता है।
2. ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का दूसरा उदाहरण हमारी रियल लाइफ में मान लीजिए यदि हम कोई सेव खरीदना चाहते हैं और दुकानदार उस सेव के बारे में बता रहा है कि उस सेव को शिमला से लाया गया है परन्तु उसके पास उसका कोई proof नहीं होता है, परन्तु यदि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का विकास अच्छी तरह से हो जाता है तो उसके द्वारा आप यह भी पता कर सकते हैं कि वह सेव किस स्थान से और किस पेड़ से तोड़ा गया है हर एक चीज की जानकारी आप इस टेक्नोलॉजी की मदद से एकदम सटीक ले सकते हैं।
Blockchain Technology के उपयोग
दोस्तों इस टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में दुनिया कितनी तेजी से बढ़ रही है कोई आम इंसान उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकता है और इस नई टेक्नोलॉजी जिसको हम ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के नाम से जानते हैं इसका आज के समय में उपयोग काफी हद तक बढ़ता जा रहा है और किन किन क्षेत्रों में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है इसके बारे में अभी मैं आपको बताने वाला हूँ। Blockchain Technology के उपयोग निम्नलिखित दिये गए क्षेत्रों में किया जा सकता हैं-
क्रिप्टोकरेंसी -: दोस्तों क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी बजह से ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पहचान मिली है क्योंकि सबसे पहले ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी में ही किया गया था। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग सबसे पहले बिटकॉइन के डेटा को स्टोर करने के लिए किया गया था। जिसकी बजह से बिटकॉइन दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बना पाया है।
बैंकिंग -: यदि देखा जाए तो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की आवश्यकता सबसे अधिक बैंकिंग सेक्टर को है क्योंकि सबसे अधिक सुरक्षा की आवश्यकता बैंकिंग सेक्टर को ही होती है। कई बार देखा गया है कि बैंकों के सर्वर पर अटैक कर लिया जाता है और बैंक का पूरा पैसा ट्रांसफर कर लिया जाता है, जिससे बैंक बर्बाद हो जाता है और देश को बहुत बड़ा नुकसान होता है। क्योंकि इस टेक्नोलॉजी में डेटा को कई सारे ब्लॉक्स में रखा जाएगा तो डेटा को लीक करने या फिर गलत तरीके से कब्जा करना लगभग नामुमकिन हो जायेगा और लोगों का पैसा बैंक में सुरक्षित रहेगा।
साइबर सुरक्षा -: ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग साइबर सुरक्षा में भी किया जा सकता है जिसमे देश के सेंसटिव डेटा को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की मदद से एनकोड करके सुरक्षित रखा जा सकता है।
कानूनी कागज़ात रखने -: इस टेक्नोलॉजी का उपयोग कानूनी कागज़ात को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जा सकता है क्योंकि हार्ड कॉपी डॉक्यूमेंट को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है इसके लिए गवर्मेंट अपने पोर्टल पर भी डेटा रखती है परन्तु वह डेटा भी सुरक्षित नहीं रहता है उन गवर्मेंट वेबसाइट के डेटा को चुराया जा सकता है। इस डेटा को सुरक्षित रखने के लिए ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी सबसे ज्यादा सफल उपाय हो सकता है क्योंकि इसके तहत कानूनी कागज़ात के डेटा को बहुत सारे ब्लॉक्स में एनकोड करके रखा जाएगा जिससे यह सुरक्षित रहेगा.
क्लाउड स्टोरेज -: मेरा मानना है कि Blockchain Technology का उपयोग अभी तो नही परन्तु बहुत ही जल्द भविष्य में क्लाउड स्टोरेज के रूप में भी किया जायेगा जो कि Web 3.0 की सफलता में मदद करेगा। जिसको सर्वर लेस होस्टिंग भी कहा जायेगा, ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की मदद से वेबसाइट को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
Blockchain Technology के लाभ
- ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे काफी हद तक सुरक्षित बनाया जा सकता है।
- यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी होगी जो कि decentralized system को स्थापित करेगी।
- यह टेक्नोलॉजी क्रिप्टोकरेंसी को एक डिजिटल decentralized करेंसी बनाने में सहायक।
- यह क्रिप्टोकरेंसी को मिडलमैन से बचाता है जिससे asset का एक्सचेंज फ्री में किया जा सकता है।
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FAQ
How cryptocurrency mining works Hindi?
आपको बता दे कि cryptocurrency mining एक cryptocurrency mining सॉफ्टवेयर के द्वारा की जाती है। इस सॉफ्टवेयर के द्वारा हम cryptocurrency के ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करते हैं। जिसके लिये बहुत सारी कैलकुलेशन और पजल्स को सॉल्व करना पड़ता है। आसान भाषा में कहे तो cryptocurrency को प्रोसेस करना और मैनेज करना cryptocurrency mining कहलाता है।
मैने आपका आर्टिकल पढ़ा और मुझे यह काफ़ी अच्छा लगा? आपने इस ऑर्टिकल में पूरी जानकारी दी हैं, जिसे पढ़कर मैंने भीं अपनी साइट पर एक ऑर्टिकल लिखा। क्या आप मेरा आर्टिकल को देख कर बता सकते हैं, की मैने ऑर्टिकल लिखने में क्या गलतियां की हैं। आप से निवेदन हैं, कृपया मेरे मदद करे।
blockchain technology kya hai?